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Anna Erishkigal

घड़ीसाज़: एक लघु उपन्यास (हिंदी संस्करण)

"पूछिए….. आप कैसे समय में से १ घंटे की अवधी जीत सकते हैं?”
मारए ओ’कोनारे की घडी ३ बजकर ५७ मिनट पर बंद पड चुकी हैं। परंतु उसके सामने इससे भी बहुत बडी मुसीबतें खडी हैं। जब वह अपनी घडी ठीक कराने के लिए घडीसाज के पास जाती है तो अपने आपको एक अजीबोगरीब पुरस्कार की हकदार पाती हैं। उसे अपनी जिंदगी का एक घंटा दोबारा जीने का मौका मिल जाता है।
अपने अतीत के साथ कोई कितनी खिलवाड कर पाएगा इस पर सख्त और कडे नियम लागू हैं। मारए को यह चेतावनी भी मिलती है कि वह ऐसा कोई कदम नहीं उठा सकती जिससे समय के प्रति विरोधाभास निर्माण हो। क्या मारए अपनी उस गलती को सुधार पाएगी जिसे वह जिंदगी में सबसे ज्यादा कोसती है?
"एक मार्मिक कहानी, अपनी सबसे बडी गलती सुधारने का लाखों में एक मौका!"— पाठक का विष्लेषण
"एक गतिमान और नाटकीय कहानी। यदि हमें अपने अतीत को बदलने का मौका मिला तो क्या हम उसे आजमाएंगे?" -पाठक का विष्लेषण
"एक मार्मिक लघु कहानी जो नॉर्स (स्कैंडेनेविया प्रांत) पौराणिक कथाओं पर आधारित हैं। समय एक उपहार है, और कई बार एक आखरी मौका," — डेल एमीदइ, लेखक
कैसा होगा यदि आप इसे दुबारा जी सके?
हिन्दी भाषा
English translation:
Marae O’Conaire has much bigger problems than the fact her watch stopped at 3:57 p.m. When she brings her watch to a kindly repairman, she learns she has won a peculiar prize, a chance to re-live a single hour of her life. But Fate has strict rules about how one can go poking in the past, including the warning that she can’t do anything that would create a time-paradox. Can Marae make peace with the mistake she regrets most in this world?
A story about racism, regret, and second chances set in the historic mill city of Lowell, Massachusetts.
Hindi language.
56 printed pages
Original publication
2017
Publication year
2017
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