करनी है खुदा से गुज़ारिश,
तेरी दोस्ती के सिवा,
कोई बंदगी ने मिले,
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा,
या फिर कभी ज़िन्दगी न मिले…..
वो नाराज़ होकर भी साथ
नहीं छोड़ती,
उसकी नाराज़गी भी इतनी प्यारी…..
औरो की खातिर जीना है,
जिसकी तासीर उसे ही रब ने,
मेरी झोली में डाला है …..