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नीलम मीना

खवाबी दोस्ती

करनी है खुदा से गुज़ारिश,
तेरी दोस्ती के सिवा,
कोई बंदगी ने मिले,
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा, 
या फिर कभी ज़िन्दगी न मिले…..

वो नाराज़ होकर भी साथ
नहीं छोड़ती,
उसकी नाराज़गी भी इतनी प्यारी…..

औरो की खातिर जीना है,
जिसकी तासीर उसे ही रब ने,
मेरी झोली में डाला है …..
52 printed pages
Original publication
2021
Publication year
2021
Publisher
pencil
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